​*हेड इंजूरी के मरीज का समय पर ईलाज से बच सकती है जान: डॉ. प्रदीप*

*हेड इंजूरी के मरीज का समय पर ईलाज से बच सकती है जान: डॉ. प्रदीप*

वर्तमान समय देश के विकास दर मे बढोत्तरी के साथ ही हेड इंजूरी की समस्या के दर मे तेजी आई है।

भारत मे हर साल विभिन्न प्रकार के सड़क दुर्घटनाओ मे हजारो लोगो की जान चली जाती है जिसका मुख्य वजह हेड इंजूरी को माना जाता है।

सड़क दुर्घटना होने पर बेहोश होना, सर दर्द होना, उल्टी होना, नाक एवं कान से रक्त निकलना तथा हाथ-पैर मे कमजोरी के साथ देखने सुनने और बोलने मे तकलीफ इत्यादि मे से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के अस्पताल मे सुयोग्य चिकित्सक से संपर्क करनी चाहिए उक्त बाते मोतिहारी शहर मे प्रत्येक शनिवार को अपनी सेवा देने वाले जाने माने ब्रेन स्पाईन एवं नस रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रदीप कुमार ने कही।

डाॅ. प्रदीप ने बताया कि हेड इंजूरी के मरीज के सीटी स्कैन रिपोर्ट मे खुन का थका जमा हो तो वैसे मरीज को बिना देरी किये न्यूरो सर्जन के पास भेजे क्योंकि चोट के दौरान बने हुए रक्त के थका को आपरेशन के जरिये निकाल दिया जाए तो मरीज की जान सुरक्षित बच सकती है। 

डाॅ. प्रदीप ने कहा कि हेड इंजूरी से बचने के लिए नसा का सेवन कर बाइक नही चलाये एवं हेल्मेट तथा सीट बेल्ट लगाकर ही हमेशा गाड़ी चलाये।

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